छोड़ चुका था पीछे जिनको......
याद जो हो चुकी थी धुंधली
छा चूका था कुहरा जिनपर
याद आ गयी आज वो बात्तें
हँसना रोना खिलखिलाना
खाना पीना मौज मनाना थक के चरणों में गिर जाना
था वो पल बहुत ही खुशनुमा
फिर याद आ गई आज वो बात्तें
हाल हमारा वो हुआ
तारे भी दिख गए दिन में हमको
याद बहुत सताती हैं
मन में बैठा चेहरा फिर भी
मन ब्याकुल हो जाता हैं
आपका बच्चा
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