सोमवार, 4 अगस्त 2008

मन्दिर में मानवता शर्मशार

आज सुबह-२ जब मैंने अख़बार खोला तो अख़बार के प्रथम पृष्ट पर मानवता को शर्मशार क्र देने वाली घटना ने मुझे आंदोलित कर के रख दिया। सोचा क्यों न मन की भावनाओ को लिखा जाय। घटना बिहार के गोपाल गंज जिले की हैं। वहां पर रुपये ले करभाग रहे चोर को पब्लिक ने कानून के रखवालो के सामने इतनी बुरी तरह से पीटा की वो अधमरा हो गया। वो भी मन्दिर के खम्भे से बाँध कर । मानवों की मानवता इस कदर हो जायेगी ये सोच कर मन आंदोलित हो गया। ख़बरों के मुताबिक एक आदमी सिवान से गोपालगंज किसी काम से २०००० रुपए लेकर आया था दो चोर बैग को छीन कर भागने लगें बैग मालिक द्वारा शोर मचाने पर भाग रहे चोरों को पकड़ने के लिए कुछ आदमी दौडे एक चोर को पकड़ लिया और पास के मन्दिर के खम्भों में बाँध कर मरने लगें । वहीँ पुलिस मूकदर्शक बनी देखती रही। उस अधमरे चोर को जब पब्लिक ने छोड़ दिया तो पुलिस उसको थाने में ले कर आई। रुपए लेकर चोर भाग चुका था। पकड़ा गया चोर अपनी किस्मत को कोष ही रहा होगा । कानून पुलिस क्या भीड़ के सामने लाचार थी या पुलिस द्वारा चोर को सुधरने का नायब तरीका था। खैर जो भी हो कानून के रक्षको के सामने मन्दिर में मानवता तो शर्मशार हो ही गई।

फ़िर वही बात हो गई ''खाया पिया कुछ नहीं गिलास तोडा चार आना''

2 टिप्‍पणियां:

Ashish Khandelwal ने कहा…

वाकई ऐसी घटनाएं पढ़कर मन का आंदोलित होना लाजिमी है।

lumarshahabadi ने कहा…

lage raho bandamru bhai, achchha laga